
आज़ादी का पर्व:
आओ चलो एकबार पुनः हम तिरंगा लहराते हैं।
आया है पर्व महान पुनः हम तिरंगा लहराते हैं।।
मत भूलो उन वीरों को जिसने हैं प्रान गवाया।
याद करो उन बलिदानो को जिसने है देश बनाया।
आज़ादी के उन मतवालों पर हम अपना शीश नवाते है,
आओ चलो एकबार पुनः हम तिरंगा लहराते है।
आया है पर्व महान पुनः हम तिरंगा लहराते हैं।।
स्वरचित कविता
स्वप्निल श्रीवास्तव(ईशू)
सभी पाठकों को आज़ादी के इस पर्व की हार्दिक शुभकामना।
जय हिंद।
2 replies on “Azadi Ka Parv(आज़ादी का पर्व)”
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ।
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Thank you.
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